आर्य समाज विवाह प्रक्रिया

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन उसकी शादी होती है, जिसे आर्य समाज मंदिर और भी यादगार बना देता है. आर्य समाज मंदिर के द्वारा कराई जाने वाली शादियां बहुत सरल व संक्षिप्त होने के बावजूद भी अनुष्ठानों और जीवंत में समृद्ध होती हैं. यहां विवाह समारोहों को खत्म होने में मात्र 2 से 3 घंटे का वक्त लगता है और इसी के साथ वर वधु अपने नए जीवन की शुरुआत हर्ष के साथ करते हैं.

हम आपके भावनाओं और समय का मान रखते हुए लगभग हर महत्वपूर्ण चीज की व्यवस्था खुद करते हैं. हालाँकि कुछ सामग्री जैसे- 2 माला, मिठाई और मंगलसूत्र और सिंदूर आपको स्वयं लाने की सलाह देते हैं. आपको दस्तावेजों और गवाहों के साथ दिए गए समय पर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचना आवश्यक होता है। जिसके बाद हम उसी दिन आपकी सभी धार्मिक और कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कराते हैं।

जरूरी दस्तावेजों में, वर और वधू दोनों को जन्म प्रमाणपत्र और जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति और राष्ट्रीयता बताते हुए एक हलफनामा जमा करना होता है। जिसके उपरांत शादी के लिए कम से कम अपने दो गवाहों की आवश्यकता होती है जिनके पास मौजूदा समय पर उनका पहचानपत्र होना अनिवार्य है.

आर्य समाज मंदिर में शादी के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

  • वर 21 वर्ष से अधिक आयु का और वधु 18 वर्ष से अधिक आयु की होनी चाहिए.
  • लड़की को विवाह के दौरान के एक शांत और प्रशंसनीय पोशाक पहनना अनिवार्य है क्योंकि जींस, शॉर्ट्स, केप्री, शॉर्ट स्कर्ट और अन्य विषम कपड़े, आदि आर्य समाज संगठन द्वारा स्वीकृत नहीं है.
  • हम विवाह के लिए किसी भी विशेष तारीख का सुझाव नहीं देते हैं क्योंकि आर्य समाज के अनुसार सभी दिन समान और शुभ होते हैं।

आर्य समाज में होने वाली शादी पूर्ण रूप से वैध है, और आपको उसी दिन शादी का प्रमाण पत्र मिल जाता है। आप अपनी शादी के प्रमाण पत्र को कानूनी रूप से अदालत में पेश कर सकते हैं। विवाह प्रमाण पत्र से आपको अपने विवाह को अपने क्षेत्र के पंजीकरण कार्यालय में पंजीकृत कराने में भी आसानी होती है।

आर्य समाज मंदिर में शादी सरल लेकिन समग्र है। यहां एक पुजारी मंत्रों का जाप करता है और आपको सही शादी के साथ अपने विवाहित जीवन को खुशहाल और लंबा बनाये रखने के लिए सही विधि और रस्मों को पूरा कराता है। यह केवल दो गवाहों की उपस्थिति में किया जा सकता है.

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